किसी नए देश को किस प्रकार बनाया जाता है?

कोई नया देश क्यों बनता?
अक्सर हर देश में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो कि वर्तमान शासन व्यवस्था या वर्तमान सरकार की नीतियों से सहमत नहीं होते हैं तो ऐसे लोग अक्सर नया देश बनाने की बात करते हैं. भारत में खालिस्तान की मांग भी काफी समय से हो रही है.
देश बनाने की घोषणा कौन कर सकता है?
देश बनाने का कोई परिभाषित फार्मूला नहीं होता है. कोई भी व्यक्ति या क्षेत्र अपने देश की घोषणा कर सकता है. लेकिन इस नए देश को मान्यता कौन देगा यह एक बड़ा प्रश्न है? अक्सर नए देशों को जल्दी मान्यता नहीं मिलती है. सोमालियालैंड जो कि सोमालिया का हिस्सा है वो अपने आप को वर्ष 1991 से अलग देश मान रहा है लेकिन किसी ने इसको मान्यता नहीं दी है.
जबकि सर्बिया के अंदर ‘कोसोवो’ ने अपने आप को 2008 में आजाद देश घोषित कर दिया था और अब इसको कुछ देशों ने मान्यता भी दे दी है. हालाँकि अभी इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने मान्यता नहीं दी है.
एक देश बनाने के लिए क्या क्या होना जरूरी है?
वर्तमान समय के राष्ट्रों के बनने का आधार 1933 के “राज्यों के अधिकारों और कर्तव्यों पर कन्वेंशन” (Convention on Rights and Duties of States) से आता है, जिसे मोंटाविडियो कन्वेंशन (Montevideo Convention) के नाम से भी जाना जाता है. यह कन्वेंशन 26 दिसम्बर 1933 को आयोजित हुआ था और 20 देशों ने हस्ताक्षर किये थे. इस कन्वेंशन में बताया गया है कि किसी राष्ट्र के होने के लिए कम से कम 4 बातें अवश्य हों

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